Shodashi No Further a Mystery
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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः
अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।
काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥
शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।
हव्यैः कव्यैश्च सर्वैः श्रुतिचयविहितैः कर्मभिः कर्मशीला
तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥
श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।
श्रींमन्त्रार्थस्वरूपा श्रितजनदुरितध्वान्तहन्त्री शरण्या
अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।
केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व more info के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?
The Mahavidyas, a group of 10 knowledge goddesses, showcase the multifaceted character from the divine feminine. Tripura Sundari is amongst the 10 Mahavidyas and is classified throughout the gentle natured goddesses, coupled with Bhuvaneshwari, Matangi, and Kamala.